अलीगढ़। हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है लेकिन चारों धामों से निराला बृज धाम है। यहां कृष्ण के बाल लीलाओं के दर्शन होते हैं तो वहीं 84 कोसी परिक्रमा में चारों धामों के दर्शन होते हैं। बृज 84 कोस परिक्रमा में एक तीर्थ धरणीधर सरोवर बेसवां, अलीगढ़ जनपद का भी आता है। काफी संख्या में श्रद्धालु इस धाम की परिक्रमा करते हैं। मान्यता है कि धरणीधर की परिक्रमा के बिना 84 कोस परिक्रमा अधूरी होती है। इसके बाबजूद भी धरणीधर सरोवर बृज 84 कोर परिक्रमा के नक्शे में शामिल नहीं किया गया है। बृज के रसिक संत रमेश बाबा द्वारा तैयार नक्शे में धरणीधर को 84 कोस परिक्रमा में माना गया है। उनकी यात्रा बेसवां होकर की पूर्ण होती है।

धरणीधर को बृज तीर्थ विकास परिषद से 84 कोस परिक्रमा में शामिल कराने के लिए कापरेटिव बैंक के निदेशक विष्णु गोयल व नगर पंचायत अध्यक्ष मनोज कुमार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष के लिए हाथरस सांसद राजवीर दिलेर, अलीगढ़, एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह, अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम, शहर विधायक मुक्ता संजीव राजा, इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी ने पत्र लिखा है। जनप्रतिनिधियों के पत्रों के साथ विष्णु गोयल व मनोज कुमार ने बृज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नागेंद्र प्रताप को मांग पत्र सौंपा है।
यह नगर विश्वामित्रपुरी के नाम से विख्यात था,
धरणीधर का अर्थ है जहां धरती को धारण किया गया। पहले यह नगर विश्वामित्रपुरी के नाम से विख्यात था, कालांतर में इसका नाम बेसवां पड़ गया। त्रेतायुग में ऋषि विश्वामित्र ने जन कल्याण के लिए यज्ञ किया था। यह एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व धार्मिक इतिहास को सजोए यह स्थल पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। यह बृज का यह ऐसा महत्वपूर्ण तीर्थ है जहां भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण ने लीलाएं की है। श्रद्धालु यहां परिक्रमा व स्नान कर स्वयं का धन्य मानते हैं।
यह नगर विश्वामित्रपुरी के नाम से विख्यात था,
धरणीधर का अर्थ है जहां धरती को धारण किया गया। पहले यह नगर विश्वामित्रपुरी के नाम से विख्यात था, कालांतर में इसका नाम बेसवां पड़ गया। त्रेतायुग में ऋषि विश्वामित्र ने जन कल्याण के लिए यज्ञ किया था। यह एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व धार्मिक इतिहास को सजोए यह स्थल पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। यह बृज का यह ऐसा महत्वपूर्ण तीर्थ है जहां भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण ने लीलाएं की है। श्रद्धालु यहां परिक्रमा व स्नान कर स्वयं का धन्य मानते हैं।
