राष्ट्र विरोधी ताकतें जातिवाद व भेदभाव में उलझाना चाहती हैं-चौहान
हाथरस। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने राष्ट्रवाद के विचारों से समाज में एकरूपता लाने का कार्य किया है। भारत का इतिहास संघर्षों का रहा है। इतिहास बताता है कि भारत पर शासन कर देश को तोड़ने और लूटने का कार्य किया गया। राष्ट्रविरोधियों ने देश के गद्दारों के साथ मिलकर देश को तोड़ने के अनेक षड्यंत्र रचे। लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं हुये। आज भी राष्ट्र विरोधी ताकतें देश को नुकसान पहुंचाने के लिए हमें जातिवाद और भेदभाव मे उलझाना चाहती हैं। ऐसी ताकतों से हमे सतर्क रहना होगा।
उक्त बातें आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरिगढ़ विभाग प्रचार प्रमुख इंद्रहास चौहान ने कहीं। वह बागला इण्टर कॉलेज में आयोजित विजय दशमी उत्सव को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मंचासीन अतिथियों ने संघ के संस्थापक एवं आद्यय सरसंघचालक केशवराव बलिराम हेडगेवार, पूज्य गुरूजी एवं भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इसके उपरांत अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया। स्वयंसेवक द्वारा एकल गीत का गान किया गया। मुख्य वक्ता इंद्रहास चौहान ने रामायण के कई श्लोकों के साथ विजयदशमी की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने सबरी के बेर खाकर, निषाद और जटायू को गले लगाकर वर्गभेद मिटाने का संदेश दिया। देश में रामराज्य की स्थापना के लिये हम सभी को राम के आदर्शां को अपनाने की आवश्यकता है। संघ ने समाज में सामाजिक समरसता लाने का कार्य किया है। स्वयंसेवकों ने घर से निकलकर समाज की सेवा की। संघ ने समाज मे जो स्थान पाया है वह अपने कार्यों से बनाया है। समाज संघ कार्याे से संतुष्ट होने के साथ साथ उन कार्याे की सराहना भी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के गद्दारों ने संघ के खिलाफ भी अनेक षड्यंत्र रचे लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं हुये। संघ अनविरति सेवा कार्य करते हुये 2025 में अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शास्त्र बताते है कि हमारे देवी देवताओँ ने भी शस्त्र रखे हैं। इन शस्त्रों का प्रयोग समाज और धर्म की रक्षा के लिये किया। संघ ने भी समाज की रक्षा के लिये शस्त्र के रूप में दंड रखा है। उन्होंने कहा कि जो अपने आपको संघर्षशील और ताकतवर रखेगा वही इस विश्व पर राज करेगा। हमें शक्तिशाली एवँ साहसी बनना होगा क्योंकि शक्ति एवँ साहस से विजय होती है। हम विजय का वरण करना जानते हैं इसलिये हम शस्त्र पूजन करते हैं।
विजयदशमी के इस उत्सव पर अधर्मियों एवँ समाज मे व्याप्त बुराई रूपी रावण का वध कर राष्ट्र को मजबूत बनाने का संकल्प लें। कार्यक्रम की अध्यक्षता उधोगपति एवँ प्रमुख समाजसेवी भोलानाथ अग्रवाल ने की।
इस अवसर पर विभाग सह कार्यवाह अजय कुलश्रेष्ठ, विभाग व्यवस्था प्रमुख राधेश्याम, विभाग योग प्रमुख हजारी लाल, जिला सह संघचालक डॉ यू एस गौड़, जिला सह कार्यवाह उमाशंकर, जिला व्यवस्था प्रमुख मनीष, जिला प्रचार प्रमुख आशीष सेंगर, जिला सह बौद्धिक प्रमुख कृष्ण गोपाल, जिला सह व्यवस्था प्रमुख मुकेश, नगर संघचालक दुर्गेश गुप्ता, नगर सह संघचालक डॉ. पी. पी. सिंह, नगर कार्यवाह भानु, नगर सह कार्यवाह टिंकू राना, नगर सह व्यवस्था प्रमुख दीपक, नगर सम्पर्क प्रमुख लक्ष्मीकांत, नगर सह शारिरिक प्रमुख कृष्णा चौधरी, नगर सह सेवा प्रमुख पवन आदि सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद थे।
उक्त बातें आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हरिगढ़ विभाग प्रचार प्रमुख इंद्रहास चौहान ने कहीं। वह बागला इण्टर कॉलेज में आयोजित विजय दशमी उत्सव को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मंचासीन अतिथियों ने संघ के संस्थापक एवं आद्यय सरसंघचालक केशवराव बलिराम हेडगेवार, पूज्य गुरूजी एवं भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इसके उपरांत अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया। स्वयंसेवक द्वारा एकल गीत का गान किया गया। मुख्य वक्ता इंद्रहास चौहान ने रामायण के कई श्लोकों के साथ विजयदशमी की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने सबरी के बेर खाकर, निषाद और जटायू को गले लगाकर वर्गभेद मिटाने का संदेश दिया। देश में रामराज्य की स्थापना के लिये हम सभी को राम के आदर्शां को अपनाने की आवश्यकता है। संघ ने समाज में सामाजिक समरसता लाने का कार्य किया है। स्वयंसेवकों ने घर से निकलकर समाज की सेवा की। संघ ने समाज मे जो स्थान पाया है वह अपने कार्यों से बनाया है। समाज संघ कार्याे से संतुष्ट होने के साथ साथ उन कार्याे की सराहना भी कर रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के गद्दारों ने संघ के खिलाफ भी अनेक षड्यंत्र रचे लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं हुये। संघ अनविरति सेवा कार्य करते हुये 2025 में अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शास्त्र बताते है कि हमारे देवी देवताओँ ने भी शस्त्र रखे हैं। इन शस्त्रों का प्रयोग समाज और धर्म की रक्षा के लिये किया। संघ ने भी समाज की रक्षा के लिये शस्त्र के रूप में दंड रखा है। उन्होंने कहा कि जो अपने आपको संघर्षशील और ताकतवर रखेगा वही इस विश्व पर राज करेगा। हमें शक्तिशाली एवँ साहसी बनना होगा क्योंकि शक्ति एवँ साहस से विजय होती है। हम विजय का वरण करना जानते हैं इसलिये हम शस्त्र पूजन करते हैं।
विजयदशमी के इस उत्सव पर अधर्मियों एवँ समाज मे व्याप्त बुराई रूपी रावण का वध कर राष्ट्र को मजबूत बनाने का संकल्प लें। कार्यक्रम की अध्यक्षता उधोगपति एवँ प्रमुख समाजसेवी भोलानाथ अग्रवाल ने की।
इस अवसर पर विभाग सह कार्यवाह अजय कुलश्रेष्ठ, विभाग व्यवस्था प्रमुख राधेश्याम, विभाग योग प्रमुख हजारी लाल, जिला सह संघचालक डॉ यू एस गौड़, जिला सह कार्यवाह उमाशंकर, जिला व्यवस्था प्रमुख मनीष, जिला प्रचार प्रमुख आशीष सेंगर, जिला सह बौद्धिक प्रमुख कृष्ण गोपाल, जिला सह व्यवस्था प्रमुख मुकेश, नगर संघचालक दुर्गेश गुप्ता, नगर सह संघचालक डॉ. पी. पी. सिंह, नगर कार्यवाह भानु, नगर सह कार्यवाह टिंकू राना, नगर सह व्यवस्था प्रमुख दीपक, नगर सम्पर्क प्रमुख लक्ष्मीकांत, नगर सह शारिरिक प्रमुख कृष्णा चौधरी, नगर सह सेवा प्रमुख पवन आदि सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद थे।