अलीगढ़। अवस्थी ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आचार्य आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को मनाई जायेगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मानव जाति के प्रति महर्षि वेदव्यास के योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए इन्हें प्रथम गुरू की उपाधि दी जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। गुरू का भारतीय सभ्यता में विशेष स्थान है। गुरू व्यक्ति को सही दिशा में ले जाने का कार्य करते हैं। गुरु की कृपा से ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है। गुरूओं के सम्मान में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा मनायी जाती है।
आचार्य आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर विशेष उत्सव आज माँ पीताम्बरा पीठ शक्ति कुंज कालोनी में मनाया जायेगा। माँ बगलामुखी का पूजन दोपहर 3 बजे, सायं 4 बजे गुरू पादुका एवं गुरुजी का पूजन होगा, तत्पश्चात संगीतमय सुंदर कांड पाठ सम्पन्न होगा। महाआरती के तुरंत बाद प्रसादी का आयोजन रहेगा।