ब्यूरो रिपोर्ट
आगरा ! प्रदेश में रोजाना बसों से हादसे हो रहे हैं। कभी ओवरलोड वाहनों के संचालन से कभी नियमों की अनदेखी का खामियाजा लोग अपनी जान देकर चुका रहे हैं। ओवरलोड वाहनों के हादसों के शिकार होने पर जिम्मेदार भले जागे लेकिन जांच पड़ताल में तमाम चीजों को दरकिनार कर दिया जा रहा है। अभी हाल में हुए ताजगंज थाना क्षेत्र में हादसे के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है ! आरटीओ,सेल टैक्स प्राइवेट बसों में हो रही ओवरलोडिंग को नजरअंदाज कर रहा है। आरटीओ अधिकारी लगातार कहते है कि यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा। चालान और जुर्माना के साथ-साथ वाहनों को सीज करने की कार्रवाई भी की जाएगी लेकिन धरातल पर कोई कार्यवाही अमल में नहीं की जा रही है !
छतों पर लदा सामान, बड़ा खतरा बरकरार
प्राइवेट बसों में तय सीटों और यात्रियों के अलावा अतिरिक्त यात्रियों को बैठाना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। किसी भी बस में यात्रियों के ज्यादा होने पर जुर्माना लेने के साथ-साथ परमिट कैंसिल करने का नियम है। लेकिन यात्रियों की बात तो छोड़ दीजिए। बसों के ड्राइवर और कंडक्टर छतों पर जमकर सामान भी लाद रहे हैं। यात्री बसों के ऊपर सामान लादना नियमों के खिलाफ है। इससे हमेशा एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है। एक ओर रोडवेज अपनी बसों से सीढ़ियां निकालने में लगा है तो प्राइवेट बसों को लोडिंग वाहन बना दिया गया है। आरटीओ से जुड़े लोगों का कहना है कि यात्रियों के वजन का सिर्फ 15 फीसदी सामान ही छतों पर ले जाया जा सकता है। लेकिन इस बात को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। इस नियम के उल्लंघन पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
पैसेंजर्स को होगा ये नुकसान
हर पल बस के पलटने का खतरा बना रहता है।
सामान चढ़ाने उतारने के लिए बसें बार-बार रुकती हैं।
ड्राइवर और कंडक्टर की मनमानी से लोग परेशान होते हैं।
यात्री के वजन का 15 प्रतिशत सामान ढोने का नियम है।
सामान के लिए कंडक्टर अतिरिक्त किराया मांग करते हैं।