रिपोर्ट — फरहान खान
आगरा! भारतीय संस्कृति का विदेशों में भी डंका बज रहा है। विदेशी छात्र छात्राएं भी भारतीय संस्कृति और नृत्य से खूब प्रभावित हो रही हैं। इसीलिए तो कत्थक और क्लासिकल डांस कि विदेशों में धूम मची हुई है। यह कहना था तजाकिस्तान से लौटी पूनम शर्मा का जो पिछले 2 सालों से तजाकिस्तान में रह कर वहां के छात्र-छात्राओं को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने के साथ-साथ क्लासिकल बाग कत्थक डांस का प्रशिक्षण दे रही थी। तजाकिस्तान से लौटने के बाद पूनम शर्मा ने अपने अनुभव साझा की और पिछले 2 सालों के अनुभवों को सबसे बेहतरीन बताया।

इंडियन काउंसिल फ़ॉर कल्चर रिलेशन ने भेजा तजाकिस्तान
पूनम शर्मा ने बताया कि साल 2019 में भारत सरकार की ओर से इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के तहत उन्हें तजाकिस्तान भेजा गया था। वह वहां पर दुशांबे में स्थित स्वामी विवेकानंद कल्चरल सेंटर में रुकी थी और वहीं पर वह तजाकिस्तान के लोगों को और बच्चों को जो भारतीय संस्कृति और क्लासिकल डांस से रूबरू होना चाहते थे उन्हें क्लासिकल डांस कत्थक का प्रशिक्षण दिया इन 2 वर्षों में तजाकिस्तान से काफी प्यार मिला और वहां के लोग भारतीय संस्कृति को भी खूब पसंद करते हैं।

2 साल के लिए भारत सरकार ने भेजा था तजाकिस्तान
पूनम शर्मा ने बताया कि भारत सरकार की ओर से उन्हें 2 साल के लिए तजाकिस्तान भेजा गया था। आईसीसीआर भारत का स्वतंत्र संगठन है जो विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का काम करता है भारत सरकार की ओर से इसी के तहत उन्हें वह 2019 से 2021 यानी दो साल के अनुबंध पर तजाकिस्तान भेजा गया था। 2 सालों में उन्होंने वहां के लोगों को कत्थक सिखाया लोगों को कत्थक बहुत पसंद आया और उन्होंने बहुत अच्छे से कत्थक सीखा।

कत्थक में कांस्य पदक विजेता है पूनम शर्मा
पूनम शर्मा ने बताया कि उन्होंने कत्थक में मास्टर डिग्री हासिल की है इस दौरान उन्होंने कत्थक में कांस्य पदक भी हासिल किया था इसके बाद उन्होंने बच्चों को कत्थक सिखाना शुरू किया विभिन्न स्कूलों में टीचर काम करने के बाद भारत सरकार की ओर से आईसीसीआर के तहत विदेश जाने का मौका मिला और उन्होंने विदेश में भी अपनी भारतीय संस्कृति और कथक की छाप छोड़ी है।

परिवार को नहीं पसंद था डांस लेकिन परिवार से अलग होकर बनानी बड़ी पहचान
पूनम शर्मा का कहना है कि वह एक मध्यम परिवार से थी उनका डांस करना परिवार में किसी को भी पसंद नहीं था इसीलिए वह चुप चुप कर कथक डांस का रिहर्सल क्या करती थी बचपन में तो सब ठीक था लेकिन जैसे जैसे वह बड़ी हुई उनका डांस करना सभी को चुभने लगा। इस दौरान अपने जीवन के सपने को पूरा करने के लिए उन्हें परिवार के खिलाफ भी खड़ा कर दिया इस बीच नौकरी करने के दौरान किसी से प्रेम हुआ और शादी की इच्छा जताने पर परिवार ने उन्हें कैद कर दिया लेकिन परिवार के खिलाफ होकर उन्होंने शादी की और पति व ससुराल से मिले सपोर्ट के कारण आज वह इस मुकाम पर पहुंची हैं आज उन्हें अपने परिवार अपने पति और ससुराल तीनों पर नाज है।
