मैनपुरी/घिरोर। बिजली विभाग में जिम्मेदार पदो पर तैनात अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों की वाहवाही लूटने के लिए कभी-कभी ऐसे कारनामे कर जाते हैं कि विभाग की फजीहत हो जाती है। विकास खंड घिरोर क्षेत्र में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक मृतक के नाम बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज करा दी गई। इतना ही नहीं न्यायालय से उसे समन भी जारी हो गया। समन जब घर पहुंचा तो परिवार के लोगों के होश उड़ गए। इलाके में विद्युत निगम की इस कार्रवाई की चर्चा है। मामला सामने आया तो निगम के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत नगला पुनू के मजरा नगला मंगली में शाहजहांपुर विद्युत उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति की जाती है। 19 अप्रैल 2022 को यहां उपखंड अधिकारी उपेंद्र राज, अवर अभियंता सतेंद्र कुमार अपनी टीम के साथ चेकिंग के लिए पहुंचे थे। चेकिंग के बाद टीम ने गांव निवासी 50 बर्षीय रमेश चंद्र के विरुद्ध बिजली चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। जब कि सच्चाई यह है कि रमेश चंद्र की मृत्यु 15 फरवरी 2022 को ही हो चुकी है। परिवार के लोगों को बिजली चोरी या अन्य किसी मामले की कानों-कान खबर नहीं हुई। जब न्यायालय से बिजली चोरी के मामले में रमेश चंद्र के नाम समन पहुंचा तो परिवार के होश उड़ गए। मृतक के पुत्र अजय कुमार का कहना है कि जिस तारीख में बिजली चोरी दिखाई गई है, उससे दो माह पहले ही रमेश चंद्र की मृत्यु हो चुकी थी। उनके परिवार द्वारा भी कोई बिजली चोरी नहीं की गई है। विद्युत निगम ने मनमानी करते हुए ये एफआईआर दर्ज कराई है।
अब स्वर्गलोक तक समन कैसे पहुंचेगा
यह बाक्या होने के बाद बिजली विभाग की कार्यशैली लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। उनका कहना है कि विभाग ने फर्जी एफआईआर तो दर्ज करा दी, अब स्वर्गलोक तक समन कैसे भेजेगा। वहीं विद्युत निगम के अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
जिम्मेदारों पर होनी चाहिए कार्रवाई
मृतक रमेश चंद्र के परिवार के लोग विद्युत निगम के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक मृतक को चोर साबित करते हुए समन जारी कर दिया गया, ये बिल्कुल गलत है। विद्युत निगम उत्पीड़न के लिए कार्रवाई करता है। इसकी जांच बहुत जरूरी है।
क्या बोले एसडीओ घिरोर
उपखंड अधिकारी घिरोर के उपेंद्र राज ने बताया कि ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। अवर अभियंता उपकेंद्र शाहजहांपुर से जानकारी की जाएगी। पूरे प्रकरण की जानकारी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।