मिसेज इंडिया हेमा बैजल से विशेष बातचीत
मोर्निंग सिटी संवाददाता
आगरा ! फैशन और सौंदर्य जगत में महिलाओं की बढ़ती सक्रियता, बराबरी और महिला सशक्तिकरण का एक बेहतर उदाहरण है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने वाली महिलाएं साहस, नेतृत्व और पुरुषार्थ की जीता जागती मिसाल हैं। ये उदगार मिसेज इंडिया ग्लोब, मिसेज दिल्ली एनसीआर और टाइटैनिक इंडियन ब्यूटी जैसे प्रतिष्ठा पूर्ण क्राउन से सम्मानित सुश्री हेमा बैजल ने गत दिनों एक विशेष मुलाकात में व्यक्त किए। वे जन परिषद चैप्टर्स के इंस्टॉलेशन कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु आजकल प्रदेश के प्रवास पर हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने अनेक उदाहरण देते हुए कहा कि वर्तमान समय में भारतीय महिला विश्व स्तर पर भी अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कर रहीं हैं। उनके अनुसार भारतीय सौंदर्य तो वैसे भी युगों से श्रेष्ठ है। पहिले देश की महिलाएं इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने में संकोच करती थीं। पर समय के साथ अब वे भी बढ़ चढ़कर न केवल हिस्सा ले रही हैं बल्कि सम्मानजनक रूप से आगे बढ़ रही हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने स्वीकार किया कि इस क्षेत्र में भी अन्य क्षेत्रों की भांति कहीं कही कुछ सामाजिक बुराइयां हैं पर ये बुराइयां सर्वत्र नहीं हैं। उनके अनुसार यदि आपमें योग्यता और साहस है तो बिना किसी गलत रास्ते पर जाए आप अपनी मंजिल पा सकते हैं। कई उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजनों से अब काफी अच्छे आयोजक भी जुड़ रहे हैं। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ पीपल और जन परिषद संस्था द्वारा निकट भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की प्रतियोगिता के आयोजन का समाचार देते हुए प्रति प्रश्न करते हुए कहा कि संस्था की प्रतिष्ठा इस प्रतियोगिता को निश्चित ही निष्पक्ष और निष्कलंक बनाए रखने के लिए बाध्यकारी होगी। एक संदर्भ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि योग्यता से अधिक अपेक्षा रखने वाली महिलाओं को असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस क्षेत्र में आने से पहले आप अपना स्व मूल्यांकन करें।शोषण से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में हेमा जी ने कहा कि आप यदि समाचारों पर नजर डालें तो यह आरोप तो हर क्षेत्र पर लग सकता है। उनके अनुसार किसी भी क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति चाहे महिला हो या पुरुष जब अपनी योग्यता से अधिक पाने की इच्छा रखता है तो उसे शोषण का सामना करना ही पड़ सकता है। उन्होंने फिल्मों का उदाहरण देते हुए कहा कि दशकों पहले फिल्मों को नौटंकी का दर्जा प्राप्त था पर आज अच्छे घरों की युवतियां भी फिल्मों और सीरियल्स में काम कर रही हैं। नाम और पैसा कमा रही हैं !