मैनपुरी। भोगांव के जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा की मौत के मामले में सस्पेंड किए गए तीनों अधिकारियों को बहाल कर दिया गया। लगातार 10 महीने चली जांच के बाद तीनों ही अधिकारी इस मामले में दोषी नहीं पाए गए। हालांकि नवोदय की छात्रा की मौत की जांच अभी भी चल रही है। एडीजी कानपुर भानु भास्कर की अध्यक्षता में एसआईटी-2 इस मामले की जांच कर रही है।
ज्ञात हो कि भोगांव के जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 11 की छात्रा का शव 16 सितंबर 2019 को विद्यालय स्थित एक हॉस्टल में फांसी पर लटकता मिला था। घटना के बाद से ही मामला हाई प्रोफाइल होते चला गया। शासन के हस्तक्षेप के बाद मामले में लापरवाही करने पर तत्कालीन डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय, तत्कालीन एसपी अशोक कुमार का तबादला मैनपुरी से कर दिया गया था। परिजनों की मांग पर सरकार ने इस मामले की कानपुर के तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल एसआईटी अध्यक्ष के रूप में जांच कराई थी। मौत का रहस्य न खुलने पर हाईकोर्ट इस मामले में प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को तलब किया और उन्हें 2 दिन लगातार पक्ष रखने के लिए प्रयागराज में ही रोका। इसके बाद एडीजी कानपुर भानु भास्कर की अध्यक्षता में 18 सितंबर 2021 को एसआईटी दो ने मामले की जांच शुरू की। इस एसआईटी की जांच शुरू होते ही मैनपुरी के तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह, क्षेत्राधिकारी प्रयांक जैन, भोगांव थाना प्रभारी पहुप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था। दस महीने तक चली लंबी जांच के बाद भी तीनों ही अफसरों पर आरोप सिद्ध नही हुए। आरोप सिद्ध न होने पर तीनों ही अफसर बहाल कर दिए गए है।
एसआईटी 2.0 कर रही है मामले की जांच
घटना के बाद पीड़ित पक्ष द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन के बाद शासन से एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी के किसी नतीजे पर न पहुंचने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने पर मामले में हाईकोर्ट के सख्ती दिखाने के बाद शासन ने एसआईटी 2.0 का गठन किया गया। एसआईटी टू ने जांच के दौरान ही पूर्व प्रधानाचार्यो सुषमा सागर को दोषी पाते हुए जेल भेज दिया। अब पूरे ही मामले में एसआईटी टू जांच कर रही है।