रिपोर्ट — फरहान खान 9411948123
मोर्निंग सिटी संवाददाता
आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के एलिवेटेड भाग में मेन लाइन के लिए ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है। प्रथम चरण में आगरा मेट्रो टीम द्वारा डेड एंड से लेकर बसई मेट्रो स्टेशन के बीच प्लिंथ बीम के कास्टिंग करते हुए ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है। यूपी मेट्रो द्वारा मेन लाइन पर हेड हार्डिंग रेल का प्रयोग करते हुए बैलास्टलेस ट्रैक बिछाया जा रहा है। वहीं, आगरा मेट्रो टीम द्वारा डिपो परिसर में बैलास्टेड ट्रैक बिछाने का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। यूपीएमआरसी द्वारा आगरा मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के मेन रोड पर बैलास्टलेस ट्रैक बिछाया जाना है। फिलहाल, प्रायोरिटी कॉरिडोर के एलिवेटेड भाग में प्लिंथ बीम की कास्टिंग कर ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है। बैलास्टलेस ट्रैक निर्माण के दौरान कंक्रीट बीम (प्लिंथ बीम) पर पटरियों को बिछाया जाता है।

पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाले ट्रैक की तुलना बैलास्टलेस ट्रैक अधिक मजबूत होता है एवं इसका मेन्टिनेंस भी काफी कम है। बता दें कि रेलवे की तुलना में मेट्रो प्रणाली में पटरियों पर गाड़ियों का आवागमन अधिक होता है, यहां मेट्रो रेल औसतन पांच मिनट के अंतर पर चलती हैं। ऐसे में तेजी से ट्रेन की स्पीड पकड़ने और ब्रेक लगाने की स्थिति में ट्रेन के पहिए और पटरी के बीच अधिक घर्षण होता है। जिसके कारण सामान्य रेल जल्दी घिस सकती है जिससे पटरी टूटने, क्रेक आदि समस्या आ सकती है, लेकिन हेड हार्डिंग रेल के अधिक मजबूत होने के कारण ऐसी कोई समस्या नहीं आती है। वायाडक्ट में ट्रैक बिछाने के लिए सबसे पहले क्रेन की मदद से ऑटोमेटिक ट्रैक वेल्डिंग मशीन को वायाडक्ट में पहुंचाया जाता है। इसके बाद पटरी के भागों को वेल्डिंग के जरिए जोड़कर लॉन्ग वेल्डेड रेल बनाई जाती है। इसके बाद वायाडक्ट में प्लिंथ बीम की कास्टिंग कर उस पर लॉन्ग वेल्डेड रेल बिछाई जाती है। लॉन्ग वेल्डेड रेल के प्रयोग से ट्रैक पर ट्रेन के चलने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है। वहीं, बैलास्टेड ट्रैक के लिए समतल भूमि पर गिट्टी एवं कॉन्क्रीट के स्लीपरों पर पटरी बिछाई जाती हैं। आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के एलिवेटेड भाग में ट्रेन के ट्रैक बदलने हेतु ताज ईस्ट गेट एवं फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन पर क्रॉसओवर बनाए गए हैं। यात्री सेवाओं के दौरान मेट्रो ट्रेन इन क्रॉसओवर के जरिए ट्रैक बदलेंगी। प्रथम कॉरिडोर में ताज ईस्ट गेट पहला मेट्रो स्टेशन हैं ऐसे में जब सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट आने वाली ट्रेन क्रॉसओवर का प्रयोग करके पुन: सिकंदरा जाने के लिए निर्धारित प्लेटफॉर्म पर जाएगी। वहीं, फतेहाबाद रोड स्टेशन पर स्थित क्रॉसओवर का प्रयोग डिपो लाइन एवं मेन लाइन के बीच आवागमन के लिए किया जाएगा। गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलिवेटेड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 एलिवेटेड स्टेशन होंगे।