रिपोर्ट – नरेन्द्र वर्मा
आगरा / फतेहाबाद। हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया लगभग साढे सात लाख से ज्यादा पानी फतेहाबाद तहसील मे यमुना नदी मे पहुंच गया है।नदी किनारे खेतो मे खडी फसलें जलमग्न हो गई।एसडीएम ने गांव का जायजा लिया और ग्रामीणों को नदी की ओर न जाने की सलाह दी।उधर किसान अपने खेतों से पशुओं के लिए चारा भी नहीं ला सके । हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी शुक्रवार यमुना नदी में पहुंच गया।शनिवार को यमुना नदी किनारे नरि, कांकर,तनौरा, ईधौन, आदि गांवों के खांदरो मे खडी फसलों में बाढ का पानी घुस गया। जिससे बाजरा, ज्वार, हरीसब्जियो आदि फसलें जलमग्न हो गई।डर के मारे किसान खेतों पर चारा भी नहीं ला सके।उधर उपजिलाधिकारी जे.पी.पांडेय ने टीम के साथ गढी भज्जी, नरि, कांकर,भोलपुरा आदि स्थानों का दौरा किया और वहां के हालातों का जायजा लिया।अधिकारियों ने ग्रामीणों से जानकारी लेने के बाद लोगों को सलाह दी कि जब तक यमुना नदी में ज्यादा पानी है।तब तक लोग नदी के आसपास भी न जाए।।क्योंकि नदी में इस समय ज्यादा पानी आ रहा है।पशु पालकों को भी सलाह दी गई है कि वे पशुओं को लेकर भी नदी की ओर न जाये।यमुना में बढा जलस्तर देखने के लिए काफी लोग नदी के पास पहुंचे।वहीं सिचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत के बाद उपजिलाधिकारी ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से लगभग डेढ लाख क्यूसेक पानी छोडा गया है।इसलिए अब खतरे की कोई बात नहीं है।
कर्मचारियों को निर्देश दिए: बाढ़ चौकियों पर तैनात किए गए कर्मचारियों से उप जिलाधिकारी ने बातचीत कर यमुना नदी में बढ रहे जलस्तर की जानकारी ली। यह निर्देश दिए कि ड्यूटी पर हर वक्त आलर्ट रहा जाए। किसी भी ग्रामीणों को नदी किनारे न जाने दिया जाए ।यदि कहीं कोई खतरा उत्पन्न होता है तो तत्काल बचाव के कार्य शुरू कर आलाधिकारियों को सूचित किया जाए।
यमुना नदी मे बाढ आने के कारण भागदौड़ करते रहे किसान: जैसे जैसे यमुना नदी के जलस्तर बढता गया।बैसे बैसे किसानों ने अपने खेतों की तरफ दौड लगा दी।जिस किसान के खेतों पर निजी नलकूप एवं पंपसेट लगे हुए थे उन्हें खोलकर अपने अपने घरों को ले गये।तो कोई अन्य सामान को घर लेकर पहुंचे।ताकि यमुना नदी के पानी में डूबने के कारण खराब न हो जाये