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किशनी/मैनपुरी-अंबेडकर प्रतिमा हटाने के बाद प्रशासन ने की नापजोख,मंगलवार को अंबेडकर प्रतिमा हटाने पर हुआ था हंगामा

by morning on | 2025-04-30 17:13:24

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किशनी/मैनपुरी-अंबेडकर प्रतिमा हटाने के बाद प्रशासन ने की नापजोख,मंगलवार को अंबेडकर प्रतिमा हटाने पर हुआ था हंगामा

Morning City

किशनी/मैनपुरी। क्षेत्र की ग्राम सभा चितायन के मजरा नगरिया में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को हटाकर चबूतरा ध्वस्त करने के बाद जमकर हंगामा हुआ था। बुधवार को प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर नापतौल कराई और अंबेडकर पार्क की जगह पर अतिक्रमण हटवाया। लेकिन जिस जगह से प्रतिमा हटाई थी वो जगह अंबेडकर पार्क की ही निकली। इससे प्रशासन की सामंजस्य की बजाय जल्दबाजी में की गई कार्रवाई का खुलासा हुआ।

सोमवार रात एक बजे प्रशासन ने नगरिया में अंबेडकर प्रतिमा को बुलडोजर से हटवा दिया था और चबूतरे को ध्वस्त कर दिया था। मंगलवार को जानकारी होने पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। विधायक ब्रजेश कठेरिया, बसपा मंडल प्रभारी दीपक पेंटर सहित सैकड़ों लोगों ने प्रशासन पर मनमानी कार्रवाई का आरोप लगाया था। डीएम ने अंबेडकर पार्क की जमीन को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। बुधवार को तहसीलदार घासीराम, थानाध्यक्ष ललित भाटी, कानूनगो अरविंद यादव, लेखपाल वीरेंद्र कुमार, संदीप यादव मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने राजस्वकर्मियों से जमीन की नापतौल कराई तो गाटा संख्या 1935 ढाई बीघा का सम्मिलित खाता है जिसमें गांव के हरीदास पुत्र छेदालाल, दीपू पुत्र रामदास, शिशुपाल पुत्र सालिगराम का अतिक्रमण पाया गया। प्रशासन ने मौके से अतिक्रमण हटवाकर जमीन को कब्जा मुक्त कराया।

प्रधान की सुपुदर्गी में दी गई जमीन

जमीन का चिन्हीकरण होने के बाद ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में दे दिया गया है। ग्राम प्रधान अंबेडकर पार्क की जमीन को सुरक्षित रखने के लिये अस्थायी रूप से तारकशी या पिलर लगा सकते हैं। मौके पर मौजूद सत्यपाल पुत्र पातीराम के पैमाइश में व्यवधान डालने पर पुलिस उसे थाने ले आयी और शांति भंग की कार्रवाई की। एसडीएम गोपाल शर्मा ने बताया कि 2008 के शासनादेश के अनुसार सार्वजनिक या निजी रूप से किसी प्रतिमा को बिना शासन की अनुमति के नहीं स्थापित किया जा सकता है।

क्या बोले किशनी सपा विधायक

विधायक ब्रजेश कठेरिया ने कहाकि प्रशासन ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा जल्दबाजी में ध्वस्त कराकर पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना कार्य किया है। जिस कानून का हवाला दिया जाता है उसका पालन हम लोग करते हैं अन्य लोग उसका पालन नहीं करते हैं। प्रशासन प्रतिमा को न तुड़वाकर नोटिस भी दे सकता था, प्रतिमा हटाने से पहले ग्रामीणों को विश्वास में ले सकता था। रात के अंधेरे में संविधान निर्माता की प्रतिमा हटाना बहुत ही निंदनीय है। वह कानून का पालन करते हुए हर हाल में प्रतिमा को लगवाकर ही मानेंगे।

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