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अलीगढ़ - सरकार को चुनौती दे रहे अधिकारी, करोड़ो रुपए से बना अचल सरोवर पानी बिन सूना, मर रहे जीव जंतु

by morning on | 2025-05-16 14:24:25

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अलीगढ़ - सरकार को चुनौती दे रहे अधिकारी, करोड़ो रुपए से बना अचल सरोवर पानी बिन सूना, मर रहे जीव जंतु

Morning City

 बिना पानी के अलीगढ़ में मर गई लाखों की मछली हजारों के कछुए

अलीगढ़ में सरकार को चुनौती दे रहे अधिकारी, करोड़ो रुपए से बना अचल सरोवर पानी बिन सूना, मर रहे जीव जंतु

अलीगढ़ के इस अचल सरोवर में बिना पानी के मर रही 6 फीट की मछलियां 10 किलो के छुए, महंत कौशल नाथ ने सरकार से लगाई गुहार

योगी आदित्यनाथ के मठ के महंत योगी कौशल नाथ ने जीव जंतुओं के मरने पर अधिकारियों को घेरा


अलीगढ-उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा बढ़ती गर्मी को लेकर जीव जंतुओं की देखभाल के लिए हर समस्या का निस्तारण करने के आदेश जारी किए हैं जिससे प्रदेश भर के जीव जंतुओं को गर्मी से बचाया जा सके लेकिन जमीनी पटल पर अधिकारी इस आदेश को हवा में उड़ाते नजर आ रहे हैं इसका अंदाजा अलीगढ़ में बखूबी लगाया जा सकता है जहां 29 करोड रुपए से भी ज्यादा लागत में बने अचल सरोवर पर पानी के बिना जीव जंतु मर रहे हैं इस सरोवर की अगर बात कही जाए तो सरकार के द्वारा यहां हाई तकनीक फव्वारे व नाव से लेकर बेहतरीन व्यवस्था की थी लेकिन जमीनी पटल पर यहां सब बंद है जिसकी वजह से अचल सरोवर में पानी नहीं पहुंच पा रहा है वेद पुराणों में दर्ज यह अचल सरोवर पानी के बिन सूना है जिसकी वजह से कई फीट की मछलियां व कई किलो के कछुए मौत के आगोश में समा रहे हैं जिसको लेकर मंदिर के महल कौशलनाथ  जी के द्वारा मौजूदा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं उनके द्वारा सरकार को बदनाम करने के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है

क्या कहते है योगी के मठ के सदस्य और इस मन्दिर के महंत,

पुजारी महंत कौशल नाथ के मुताबिक अलीगढ़ का ऐतिहासिक अचल सरोवर जहां पर महाभारत में अज्ञात वास के दौरान नकुल और सहदेव ने स्नान किया था, का अलीगढ़ स्मार्ट सिटी के तहत 29 करोड रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण और निर्माण किया गया है जिसका खुद योगी आदित्यनाथ ने 2 साल पहले उद्घाटन किया था आज सफेद हाथी साबित हो रहा है, तालाब में पानी न होने के कारण जीव जंतु मर रहे हैं।


कैसा है मिनी हरिद्वार

अचल सरोवर के ठीक बीचों बीच में गुमटी पर लगभग 20 फुट ऊंची शिव प्रतिमा स्थापित की गई है. इसके चारों ओर फव्वारे लगाए गए हैं. 510 मीटर का एलिवेटर परिक्रमा मार्ग, आरती घाट और जेआरसी के कार्य से इसकी सुंदरता में चार चांद लगाए गए हैं. इसमें घाट से नौकायन हो भी सकता है. कैंटीन, तुलसी वाटिका, हवन कुंड के साथ लाइट एंड साउंड शो भी बनाया गया है. दूर से देखने पर ये अचल सरोवर मिनी हरिद्वार के रूप में दिखाई देता है.
पुजारी महंत कौशल नाथ ने बताया कहा जाता है कि ये सरोवर करीब 5000 हजार साल पुराना है. महाभारत काल के दौरान यहां दो पांडवों नकुल और सहदेव ने शिवरात्रि पर स्नान किया था। इसका जल इतना शुद्ध था कि जो भी इसमें स्नान कर लेता, उसे त्वचा संबंधित रोगों से मुक्ति मिल जाती। अलीगढ़ स्मार्ट सिटी के तहत लगभग 29 करोड रुपए की लागत से इसका सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य कराया गया था, जो आज सफेद हाथी साबित हो रहा है यह एक ऐसा सरोवर है जिसमें पानी ही नहीं, जिसके कारण इसमें मौजूद जीव जंतु मर रहे हैं।महंत जी का कहना है कि एक वक्त ऐसा भी था जब इस जल से स्नान करने से त्वचा संबंधित रोग ठीक हो जाते थे. इस अचल सरोवर में इतना पवित्र जल था। इसकी बहुत मान्यता थी और पूर्णमासी को यहां मेले लगते थे, और आज अलीगढ़ नगर निगम और कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण इसकी हालत यह है कि कम पानी होने के कारण जीव जंतु मर रहे हैं और अभी तक ये जनता के लिए नहीं खोला गया है क्योंकि हालत खराब हो गए, पानी काफी दूषित हो गया।

योगी आदित्यनाथ ने किया था उद्घाटन

महंत जी ने बताया अलीगढ़ स्मार्ट सिटी के तहत इसका
सौंदर्यीकरण और निर्माण काम लगभग 29 करोड रुपए की मदद से किया गया था, 2 साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ के नुमाइश ग्राउंड से इसका उद्घाटन अधिकारियों ने इसके सौंदर्यीकरण, निर्माण और जनता के लिए इसको खोले जाने से पहले ही करवा दिया था।

अचल सरोवर की स्थिति

स्थानीय लोगों, श्रद्धालु और महंत जी ने बताया कि इस सरोवर में जिस पंप से पानी भरा जाता था वह खराब है, बारिश का पानी जिस पंप के जरिए इस सरोवर में छोड़ा जाता था वह भी खराब है। यही कारण है कि इसमें अब पानी नहीं है सिर्फ एक सबमर्सिबल है जिसके जरिए इसमें पानी छोड़ा जाता है जो  नाकाफी है, इतनी तेज गर्मी में यहां पर बंदर, कुत्ते, कबूतर, मछली, कछुए आदि कम पानी होने के कारण परेशान हैं और रोजाना मछलियां और कछुए भी मर रहे हैं, इतनी गंदगी और पानी न होने के कारण ही यह अभी जनता के लिए नहीं खोला गया है। यही वजह है कि यहां पर अब इतने लोग नहीं आते हैं जितने पहले आते थे। यहां पर मछलियों को दाना डालने वाले भी गंदे पानी और कम पानी के कारण आना कम हो गए हैं।

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