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कासगंज-झाल का पुल गैंगरेप पीडिता और मां ने सदर कोतवाल पर लगाए गंभीर आरोप

by morning on | 2025-05-24 16:01:24

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कासगंज-झाल का पुल गैंगरेप पीडिता और मां ने सदर कोतवाल पर लगाए गंभीर आरोप

पीड़िता के घर के बाहर सुरक्षा के उद्देश्य से खड़े पुलिस कर्मी। 

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बोली सदर कोतवाल घर पर आकर कौरे सफेद कागज पर कराए थे हस्ताक्षर 

अखिलेश उर्फ गब्बर सहित पांच की जमानत होने पर परिवार ने जताई हत्या की आशंका

कासगंज। दस अप्रैल को झाल के पुल पर हुए नाबालिग गैंगरेप मामले में पांच लोगों की जमानत होने के बाद। पीड़िता के परिजनों ने सदर कोतवाल सीओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही पीड़ित मां बेटी ने आरोपियों द्वारा हत्या किए जाने की आशंका जाहिर की है। साथ ही कोतवाल पर आरोपियों से सांठगांठ कर साक्ष्यों को कमजोर कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने का आरोप लगाया है। दस अप्रैल को झाल के पुल पर मंगेतर के साथ घूमने गई नाबालिग किशोरी को भाजपा के तथाकथित युवा नेताओं ने बंधक बनाकर सामूहिक रूप से गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। साथ ही आरोपियों ने मंगेतर से पांच हजार रुपए पे फोन में ट्रांसफर कराकर दोनों छोड़ दिया। साथ ही दूसरे दिन फिर युवक पीड़िता के घर पर धमकाने के लिए घर पर पहुंच गए। पीड़िता ने कार्रवाई करने की जहमत उठाई। चाइल्ड हेल्पलाइन पर कॉल की। कॉल पहुंचते ही लखनऊ बैठी टीम ने चाइल्ड लाइन की टीम को भेजकर पड़ताल कराई। टीम ने राज्य महिला आयोग की सदस्य रेनू गौड़ से फोन पर वार्ता कराकर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। उसके बाद परिजनों ने सदर कोतवाली में आकर पहले आठ युवको के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस जांच में 14 आरोपी शामिल हो गए। पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है, लेकिन गैंगरेप मामले में पुलिस ने चंद दिनों में ही आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। स्थानीय न्यायालय ने आरोपी अखिलेश प्रताप उर्फ गब्बर सिंह एपीएस, अमित, सोनू उर्फ सत्यपाल, रिंकू कुमार, सोनू कुमार को 23 मई को दो-दो लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी। आरोपियों को स्थानीय न्यायालय से जमानत होने के बाद गैंगरेप की पीड़ित मां बेटी ने सदर कोतवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कोतवाल लोकेश भाटी ने आरोपियों को बचाने के लिए न्यायालय में दाखिल किए गए आरोप पत्र में साक्ष्यो को कमजोर कर दिया। जिससे उनकी जमानत स्थानीय न्यायालय ने मंजूरी दे दी। पीड़िता की मां ने बताया कोतवाल लोकेश भाटी ने कुछ दिन पूर्व घर पर आए थे। जहां कोरे कागज पर मेरे और मेरी बेटी के हस्ताक्षर  करा कर ले गए थे। जाने उन्होंने उस कागज पर क्या लिखकर पेश किया होगा। जिससे उनकी जमानत हो गई। उनकी जमानत से हम दोनों को खतरा और बढ़ गया है। वह पावरफुल लोग है, इसलिए वह पहले से ही कार्रवाई करना नहीं चाह रही थी। आरोपियों ने जिस तरह से मेरी बेटी के साथ दरिंदगी की सारी हदे पार कर दी थी। उसी तरह से आरोपियों को फांसी को सजा होनी चाहिए थी। सीओ, कोतवाल ने मिलकर मनमानी तरीके से आरोप पत्र दाखिल किया है। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो मां बेटीमिलकर आत्मदाह कर  लेंगे। वही एएसपी राजेश भारती का कहना कि मामले में हर एंगल पर इंवेस्टिकेशन किया गया है। साक्ष्यों को संकलित कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था। न्यायालय ने जो निर्णय लिया है। उसका सभी को स्वागत करना चाहिए। पीड़िता की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है। घर पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है। अगर जांच में कहीं कोई मिलती है, तो जांच कराई जाएंगी। वह जांच का विषय है।

पीड़िता के घर पुलिस की तैनाती 
आरोपियों की जमानत के बाद पीड़िता के घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा को लेकर भारी संख्या में पुरुष और महिला कांस्टेबलों की तैनाती की गई है। पुलिस कर्मी पीड़ित परिजनों से मुलाकात करने वालो पर निगरानी बनाए हुए हैं। उधर आरोपियों की जमानत के बाद पीड़िता के परिवार दहशत जुदा है। वह पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद भी असुरक्षित महसूस कर रहा है।

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