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आगरा-ताजमहल की छाया में बदबूदार यमुना, विदेशी मेहमानों के सामने झुक रहा ताजनगरी का सिर

by morning on | 2025-05-24 16:20:55

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 आगरा-ताजमहल की छाया में बदबूदार यमुना, विदेशी मेहमानों के सामने झुक रहा ताजनगरी का सिर

Morning City

दुनिया के सबसे खूबसूरत स्मारक के पीछे बहता है गंदगी से लबालब नाला, स्वच्छ भारत पर उठते सवाल

आगरा। विश्व धरोहर ताजमहल की खूबसूरती देखने हर साल लाखों विदेशी पर्यटक ताजनगरी आगरा का रुख करते हैं। लेकिन जैसे ही वे इस अजूबे के पिछवाड़े यमुना नदी की ओर नजर डालते हैं, उनके चेहरे पर हैरानी, अफसोस और शर्म एक साथ दिखने लगते हैं। एक तरफ ताजमहल की बेमिसाल सुंदरता और दूसरी ओर यमुना की बदहाल स्थिति यह विरोधाभास आगरा की छवि को गहरा नुकसान पहुंचा रहा है। गौरतलब है कि ताजमहल के पीछे बहने वाली यमुना अब नदी नहीं, बल्कि खुले नाले का रूप ले चुकी है। उसमें गिरते नालों की बदबू, काले पानी की सतह पर तैरता कचरा, और लापरवाह सरकारी तंत्र की अनदेखी, सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर पेश करते हैं जो भारत की वैश्विक साख पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।

हाल ही में आए कुछ यूरोपीय और एशियाई पर्यटकों ने ताजमहल के दीदार के बाद जब यमुना की हालत देखी तो उनकी पहली प्रतिक्रिया थी, "इतने खूबसूरत स्मारक के पीछे इतनी गंदगी? क्या यही है भारत का पर्यावरण संरक्षण?" विदेशी पर्यटक न केवल इन तस्वीरों को अपने कैमरों में कैद करते हैं, बल्कि अपने देश जाकर सोशल मीडिया और ब्लॉग्स के जरिए इन अनुभवों को साझा भी करते हैं। इससे भारत की वैश्विक छवि को सीधा नुकसान होता है। सरकार ने यमुना सफाई के नाम पर अब तक करोड़ों रुपये स्वीकृत किए, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी आगरा के किसी भी जिम्मेदार विभाग के पास यमुना की सफाई के लिए एक भी मशीन नहीं है। नगर निगम और जल निगम की आपसी खींचतान और उपेक्षा ने स्थिति को और बदतर बना दिया है।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NTG) द्वारा बार-बार चेतावनी और जुर्माने के बावजूद नालों का टेपिंग कार्य अधूरा है। यमुना में लगातार गिर रहा सीवेज और प्लास्टिक कचरा इस पवित्र नदी को धीरे-धीरे मृत्यु की ओर धकेल रहा है। ताजमहल की तरह यमुना भी हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव का हिस्सा है, लेकिन अफसोस कि इसे वह सम्मान नहीं मिल रहा जिसकी वह हकदार है। अगर हालात यूं ही रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब विदेशी पर्यटक ताजमहल की सुंदरता के साथ भारत की गंदगी का उदाहरण भी अपने देशों में देंगे। अब सवाल यह है कि क्या ताजमहल के सौंदर्य के पीछे छिपी यह सड़ांध भारत के प्रशासन को नहीं दिखती? और अगर दिखती है तो फिर इसे नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?

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