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राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने की जनसुनवाई

by morning on | 2025-06-09 16:58:50 Last Updated by morning on2025-10-09 20:16:41

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राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने की जनसुनवाई




पीड़ित महिलाओं की कोई भी आवाज अब न दबेगी, न अनसुनी होगी


सर्किट हाउस में 46 प्रकरणों पर सुनवाई, अधिकारियों को दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

Morning City

आगरा। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने सोमवार को नवीन सर्किट हाउस, आगरा में महिला जनसुनवाई आयोजित की। इस जनसुनवाई में मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद समेत विभिन्न जनपदों से प्राप्त 46 शिकायतों पर न सिर्फ सुनवाई की गई, बल्कि संबंधित थाना प्रभारियों से तत्काल फोन पर वार्ता कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। डॉ. चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब "पीड़ित महिलाओं की कोई आवाज अनसुनी नहीं होगी, न ही दबाई जाएगी।" उन्होंने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि किसी भी शिकायत पर लापरवाही या टालमटोल की प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनसुनवाई में आईं घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, उत्पीड़न और योजनाओं की शिकायतें

जनसुनवाई में आने वाले मामलों में अधिकांश घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, महिला उत्पीड़न और सरकारी लाभ योजनाओं से वंचित महिलाओं से संबंधित थे। इन पर आयोग की अध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभावी कदम उठाने और एक सप्ताह के भीतर शिकायतों की गुणवत्तापूर्ण निस्तारण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों की कार्यप्रगति पर सख्त रुख

डॉ. बबीता सिंह चौहान ने जनसुनवाई से पूर्व अधिकारियों के साथ बैठक कर महिला कल्याण योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व बैठक के निर्देशों के अनुपालन पर सराहना की गई, लेकिन अन्य विभागों की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई गई। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी विभागों से अनुपालन रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्राप्त कर शासन को भेजी जाए। उन्होंने चेताया कि जो अधिकारी समय से अनुपालन रिपोर्ट नहीं देंगे, उनके खिलाफ संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाएगा।

महिला शिकायतों की अनदेखी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

अध्यक्ष ने थानों में महिला शिकायतों को गंभीरता से सुनने, समयबद्ध जांच और निष्पक्ष कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी महिला फरियादियों की बातों को टालता है या कार्यवाही से बचता है, तो उसके विरुद्ध आयोग सीधे कार्रवाई करेगा।

टैक्सी, ओला-उबर चालकों की जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश

महिला सुरक्षा के दृष्टिगत अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि जनपद में सभी सार्वजनिक टैक्सी, ओला, उबर जैसे वाहनों की चालक सीट के पीछे चालक का नाम, पहचान पत्र संख्या और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से लिखा जाना अनिवार्य किया जाए। इसके लिए परिवहन विभाग और पुलिस को अभियान चलाकर सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

कार्यस्थलों पर महिला सुरक्षा को लेकर भी समीक्षा

श्रम विभाग द्वारा कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों को लेकर की गई कार्यवाही की जानकारी दी गई। विभाग ने बताया कि जिले के सभी प्रतिष्ठानों व फैक्ट्रियों में जहाँ 10 से अधिक कर्मचारी और कम से कम एक महिला कार्यरत है, वहाँ आंतरिक शिकायत समिति का गठन सुनिश्चित किया जा चुका है। अध्यक्ष ने इस दिशा में और अधिक सक्रियता बरतने को कहा।

कस्तूरबा विद्यालयों में व्यवस्था सुधार के निर्देश

बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए डॉ. चौहान ने सभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के छात्रावासों में स्वच्छता, सैनिटरी वेंडिंग मशीन की नियमित उपलब्धता, शौचालयों की साफ-सफाई और महिला स्टाफ की नियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में संचालित सभी कस्तूरबा विद्यालयों की सूची भी मंगवाई।

पुलिस विभाग के अनुपस्थित अधिकारियों पर जताई नाराजगी

समीक्षा बैठक में कई विभागीय प्रमुखों की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के स्थान पर अधीनस्थ कर्मचारियों को भेजने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगली बैठक में सभी थानों से सक्षम अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

कौन-कौन रहे मौजूद

इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान, एसीपी सुकन्या शर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी अजय कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र गोंड, जिला सूचना अधिकारी शीलेंद्र शर्मा, एसीएमओ डॉ. प्रवीण रावत, महिला थाना प्रभारी हेमलता, एसएचओ सदर बाजार, उपनिरीक्षक संगीता, नरेश त्यागी, एडीपीआरओ संदीप वर्मा, कौशल विभाग के प्रबंधक अमित धाकरे और आरपीएफ कैंट के धर्मेंद्र तोमर सहित तमाम विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

डॉ. बबीता सिंह चौहान ने अंत में दोहराया कि महिला आयोग का उद्देश्य हर पीड़िता को न्याय दिलाना है और यह तभी संभव है जब हर अधिकारी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करे। उनका स्पष्ट संदेश था— “हर महिला की सुरक्षा और सम्मान हमारी प्राथमिकता है, इसमें कोई कोताही नहीं चलेगी।”

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