सब्सक्राइब करें
शहर और राज्य आपदा प्रबंधन

Agra ताज नगरी की सड़कों पर बहा नालों का पानी, 15 मिनट की बारिश ने खोल दी नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की पोल

by morning on | 2025-06-17 17:02:35

Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 133


Agra ताज नगरी की सड़कों पर बहा नालों का पानी, 15 मिनट की बारिश ने खोल दी नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की पोल



ताज नगरी की सड़कों पर बहा नालों का पानी, 15 मिनट की बारिश ने खोल दी नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की पोल

Morning City

आगरा ताजमहल जैसी विश्व धरोहर को संजोए आगरा को स्मार्ट सिटी कहा जाता है, लेकिन सोमवार की महज 15 मिनट की बारिश ने इस दावे को ध्वस्त कर दिया। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर बाजारों तक नालों का गंदा पानी इस तरह बहा कि न सिर्फ जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया बल्कि शहर की छवि को भी गंदगी और बदइंतजामी ने लील लिया। शिवाजी मार्केट, बिजलीघर, बेलनगंज, सदर भट्टी, रामबाग, वजीरपुरा और लोहामंडी जैसे क्षेत्रों में पानी दुकानों और घरों के भीतर घुस गया। व्यापार ठप हुआ और लोग घुटनों तक गंदे पानी में फंसे रहे। जनप्रतिनिधि भले ही आगरा में निवास करते हैं, लेकिन जनता की समस्याओं से उनकी दूरी उतनी ही अधिक है, जितनी बारिश के बाद जलभराव की गहराई। सीवर और ड्रेनेज सिस्टम दम तोड़ चुके हैं। नालों की सफाई कागजों में होती है, जमीनी हकीकत में हर बारिश शहर को गंदगी की दलदल में धकेल देती है। प्रशासन और नगर निगम की जिम्मेदारी सिर्फ बयान देने तक सिमट कर रह गई है।

"स्मार्ट सिटी" के नाम पर करोड़ों की योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन हकीकत में शिवाजी मार्केट और बिजलीघर के व्यापारियों को हर बार की तरह अपनी दुकानों से गंदा पानी निकालकर व्यापार बचाना पड़ता है। नगर निगम के अधिकारी सिर्फ बैठकें करते हैं और तस्वीरें खिंचवाते हैं, जबकि जनता नालों की सड़ांध और बीमारी के खतरे से दो-दो हाथ करती है। शहर के सांसद, विधायक और पार्षद सब आगरा के ही हैं, लेकिन जब सीवर उफनाता है, बिजली खंभों के पास पानी भरता है और बच्चे बीमारी की चपेट में आते हैं, तब ये सब चुप्पी साध लेते हैं। आखिर कब तक जनता इस बदइंतजामी की सजा भुगतेगी? स्मार्ट सिटी तो दूर, अब तो लोग कहने लगे हैं कि “सिर्फ ताज ही बचा है, बाक़ी सब तो बह चुका है।” अगर अब भी जिम्मेदार नहीं जागे तो यह बदहाल व्यवस्था न सिर्फ लोगों की जान ले सकती है, बल्कि आगरा की वैश्विक साख को भी मिट्टी में मिला देगी। बारिश के बहाने हर साल यही नाटक कब तक चलेगा? जनता अब पूछ रही है – “क्या सिर्फ चुनावी घोषणाओं में ही रहेगी स्मार्ट सिटी, या कभी ज़मीन पर भी दिखेगी?”

खोज
ताज़ा समाचार
टॉप ट्रेंडिंग
सबसे लोकप्रिय

Leave a Comment