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Mainpuri हॉस्पिटल में जब कोई डॉक्टर नहीं मिला तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई

by morning on | 2025-06-18 15:58:39

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Mainpuri हॉस्पिटल में जब कोई डॉक्टर नहीं मिला तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई

फोटो परिचय-नीलकंठ हॉस्पिटल।


- प्रसूता की हुई थी मौत, परिजनों ने लगाया था डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप


- स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी को निरीक्षण में नहीं मिला था कोई चिकित्सक


Morning City

कुरावली/मैनपुरी। कस्वा के घिरोर रोड स्थित नीलकंठ हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के बाद जब स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी ने निरीक्षण किया था तब हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं मिले थें, अब सवाल खड़ा होता है कि जब हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं मिला तो स्वास्थ्य विभाग ने अब तक हॉस्पिटल पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, निरीक्षण किए हुए एक महीना बीतने को है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, इतना लंबा समय बीतने के बाद भी कार्रवाई न होना स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है। बैसे भी इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ दिखाई दे रहीं है।

ज्ञात हो कि औंछा थाना क्षेत्र के गांव नगला देवी निवासी शिवमंगल सिंह ने अपनी पत्नी राजवती को प्रसव पीड़ा होने पर 13 मई को कुरावली के घिरोर रोड स्थित नीलकंठ हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां पर राजवती ने ऑपरेशन के बाद एक बच्चे को जन्म दिया था, फिर भर्ती रखने के बाद 17 मई की रात्रि राजवती की मौत हो गई थी, परिजनों की मांग पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया था, तब पति ने थाने में तहरीर देकर हॉस्पिटल के डॉक्टर सहित स्टाप पर लापरवाही का आरोप लगाया था, मामले की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने 19 मार्च को हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था, निरीक्षण के बाद उनसे पूछा गया था तब उन्होने बताया था कि उन्हे हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं मिला था, अरे डॉक्टर की तो छोड़िए कोई स्टाप तक नहीं मिला था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट कर रहीं लापरवाही की तरफ इशारा
प्रसूता राजवती की मौत के बाद जब उनके शव का पोस्टमार्टम कराया गया था, तो उनके शव का पोस्टमार्टम पैनल के द्वारा किया गया था, रिपोर्ट में राजवती की मौत होने की बजह उनके शरीर में इंफेक्शन फैलना बताया गया था, अगर उनका ऑपरेशन सहीं तरीके से किया गया है और हॉस्पिटल में देखभाल भी सहीं तरीके से की गई है तो उनके शरीर में इंफेक्शन कैसे फैल गया, यह डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही उजागर कर रहा है।

आखिर क्यों नहीं हुई हॉस्पिटल पर कार्रवाई
नीलकंठ हॉस्पिटल में जब एक प्रसूता राजवती की मौत होने के बाद नोडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने हॉस्पिटल का निरीक्षण भी किया गया, निरीक्षण के बाद दन्हे कोई डॉक्टर या स्टाफ नहीं मिला, फिर भी अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि नोडल अधिकारी द्वारा हॉस्पिटल का निरीक्षण किए हुए करीब एक महीना होने को आ गया है। इतना लंबा समय बीतने के बाद भी कार्रवाई न होना स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है।

क्या बोले डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री
मैनपुरी के कुरावली स्थित हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत होने का मामला संज्ञान में नहीं है। इस मामले की जानकारी की जाएगी, प्रसूता की मौत के बाद अगर नोडल अधिकारी ने निरीक्षण किया, उस दौरान हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं मिला फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, इस मामले में जांच कराकर कार्रवाई करने के आदेश दिए जायेंगे।- बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश शासन।

डिप्टी सीएम से भी ऊपर हो गए सीएमओ
इस मामले के संबंध में जब जानकारी करने के लिए सीएमओ को कॉल किया गया लेकिन उनके द्वारा कॉल नहीं उठाई जिससे यह प्रतीत होता है कि सीएमओ डॉ. आरसी गुप्ता डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से भी ऊपर है। जो अपने सामने स्वास्थ्य मंत्री को भी कुछ नहीं समझते है। अरे सीएमओ तो छोड़िए नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह से मामले में पूछा गया कि जब कोई डॉक्टर नहीं मिला तो अब तक कार्रवाई क्यो नहीं, तो उनके द्वारा बीच में ही फोन काट दिया गया।

सीएमओ और नोडल अधिकारी हॉस्पिटल को बचा रहे
अगर इस पूरे मामले में देखा जाएं तो साफ हो जाता है कि हॉस्पिटल पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नही हो पाई है। सीएमओ और नोडल अधिकारी प्रसूता की मौत होने वाले हॉस्पिटल पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते है। स्वास्थ्य विभाग के दोनो ही जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई से बचते हुए नजर आ रहे है। लगता है कि इस पूरे मामले में बहुत बड़ा खेला हो गया है। क्यों कि नोडल अधिकारी ने निरीक्षण के बाद हॉस्पिटल संचालक को कागजात के साथ अपने ऑफिस बुलाया था, इस पूरे मामले में चांदी के सिक्को की खनक साफ सुनाई दे रहीं है।

झोलाछाप के इलाज से बच्ची की मौत
बेवर थाना क्षेत्र के गांव बनकिया में बुखार से पीड़ित चल रहे दो वर्षीय मासूम को परिजन इलाज के लिए गांव में ही दुकान चला रहे झोलाछाप के यहां ले गए। जहां झोलाछाप के इंजेक्शन लगाते ही मासूम की हालत बिगड़ गई जब तक परिजन सीएचसी बेवर लेकर पहुंचे, तब तक मासूम की मृत्यु हो गई। गुस्साए परिजनो ने झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।


फोटो परिचय-  डिप्टी सीएम बृजेश पाठक।

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