सब्सक्राइब करें
शहर और राज्य राजनीति

Hathras आपातकाल के काले अध्याय के 50 वीं बरसी पर भाजपा कार्यालय पर हुआ सेमिनार

by morning on | 2025-06-25 16:34:56

Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 26


Hathras आपातकाल के काले अध्याय के 50 वीं बरसी पर भाजपा कार्यालय पर हुआ सेमिनार

फोटो-कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों  को सम्मानित करते मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण व अन्य जनप्रतिनिधि 

50 वर्ष बाद भी कांग्रेस ने सिर्फ तरीके बदले, नीयत वैसी ही तानाशाही वाली है- लक्ष्मीनारायण

Morning City

हाथरस भाजपा जिला कार्यालय  पर  भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी की अध्यक्षता मे कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय की 50 वीं बरसी पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, भारत माता के छविचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर की गई। सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण एवं क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ब्रज क्षेत्र अनिल चौधरी, सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर थे।इस मौके पर आपातकाल का काला दिवस को लेकर भाजपा जिला कार्यालय पर लगाई प्रदर्शनी का उक्त सभी अतिथियों द्वारा फीता काटकर उद्घाटन कर अवलोकन किया गया तथा कांग्रेस द्वारा लगाए गए इमरजेंसी के दौरान जनपद के ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिन्हें जेल में बंद कर यातनाएं सहनी पड़ी उनको शॉल पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण  ने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्याय पालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है। आज भी सिर्फ तरीकों का बदलाव हुआ है, नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है। उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया।कार्यक्रम को क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अनिल चौधरी,भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी ,सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर , सिकन्द्राराऊ विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने भी सम्बोधित किया।कार्यक्रम में  सैकड़ो कार्यकर्ता एवं लोकतंत्र सैनानी उपस्थिति थे।

खोज
ताज़ा समाचार
टॉप ट्रेंडिंग
सबसे लोकप्रिय

Leave a Comment