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Agra सांपों की नृशंस हत्या का वीडियो वायरल, वन्यजीव संरक्षण कानून की खुलेआम उड़ाई धज्जियां

by morning on | 2025-06-26 16:20:01

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Agra सांपों की नृशंस हत्या का वीडियो वायरल, वन्यजीव संरक्षण कानून की खुलेआम उड़ाई धज्जियां



सांपों की नृशंस हत्या का वीडियो वायरल, वन्यजीव संरक्षण कानून की खुलेआम उड़ाई धज्जियां

Morning City

आगराजनपद आगरा के पिनाहट क्षेत्र में स्थित विप्रावली नहर के पास उस समय सनसनी फैल गई जब खेतों के पास निकले सांप के जोड़े को ग्रामीणों ने घेर लिया। सांपों की मौजूदगी की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई और कुछ ही देर में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों की उत्सुकता जल्द ही हिंसक तमाशे में तब्दील हो गई जब एक युवक ने लाठी-डंडों से दोनों सांपों पर बेरहमी से हमला कर दिया। स्थानीय लोगों की मौजूदगी में युवक ने न सिर्फ सांपों को मार डाला, बल्कि उन्हें खेत के किनारे जलाकर राख कर दिया। इस पूरी घटना का वीडियो किसी व्यक्ति ने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह बिना किसी डर या झिझक के सांपों को मारा और जलाया जा रहा है, जबकि आसपास खड़े लोग तमाशबीन बने रहे।

यह घटना न केवल अमानवीयता की पराकाष्ठा है, बल्कि भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत एक गंभीर दंडनीय अपराध भी है। सांप जैसे जीवों को मारना और उनके साथ इस प्रकार की बर्बरता कानूनन प्रतिबंधित है और इसके लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद पिनाहट क्षेत्र में इस तरह की घटना का होना यह दिखाता है कि ग्रामीण इलाकों में अभी भी वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता की भारी कमी है। घटना के वायरल वीडियो के बाद पशु प्रेमियों और वन विभाग के बीच हलचल मच गई है। कई सामाजिक संगठनों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वन विभाग ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है और युवक की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि आरोप सही पाए गए, तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम आज भी प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की भावना को समझ पाए हैं या फिर हमारी संवेदनाएं सिर्फ मोबाइल कैमरे के फ्रेम तक ही सीमित रह गई हैं। जहां एक ओर सरकार और पर्यावरणविद् धरती के हर प्राणी के संरक्षण की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग नजर आती है।

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