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Agra News:आगरा कॉलेज की ज़मीन पर अवैध मेट्रो निर्माण

by morning on | 2025-07-09 16:31:06

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Agra News:आगरा कॉलेज की ज़मीन पर अवैध मेट्रो निर्माण


प्राचार्य ने उच्च शिक्षा मंत्री से की शिकायत, तत्काल रोक की मांग

Morning City

आगरा ऐतिहासिक शिक्षण संस्थान आगरा कॉलेज की ज़मीन पर मेट्रो प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य को लेकर विवाद गहरा गया है। कॉलेज प्रशासन ने इसे पूरी तरह अवैध, अनधिकृत और शैक्षणिक संस्थान की स्वायत्तता का उल्लंघन बताया है। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सी.के. गौतम के नेतृत्व में बुधवार को शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय से मुलाकात कर एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा और कार्य पर तत्काल रोक की मांग की। प्राचार्य ने मंत्री को अवगत कराया कि जिस भूमि पर मेट्रो का निर्माण कराया जा रहा है, वह गाटा संख्या 281 व 282 है, जो कि आगरा कॉलेज ट्रस्ट की स्वामित्वाधीन भूमि है और राजकीय अभिलेखों में कॉलेज के खेल मैदान के रूप में दर्ज है। कॉलेज की प्रबंध समिति ने न तो इस ज़मीन के हस्तांतरण का कोई प्रस्ताव पारित किया है और न ही कॉलेज को इसके एवज में कोई मुआवज़ा दिया गया है।

प्रो. गौतम ने आरोप लगाया कि मेट्रो प्राधिकरण जानबूझकर इस भूमि को गाटा संख्या 286 बताकर भ्रम फैला रहा है, ताकि निर्माण को वैध ठहराया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ज़मीन राज्य सरकार की नहीं, बल्कि आगरा कॉलेज ट्रस्ट की संपत्ति है, जिस पर किसी भी सरकारी एजेंसी को बिना विधिक अनुमति के कब्ज़ा करने का अधिकार नहीं है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और जल्द ही सर्किट हाउस, आगरा में संयुक्त बैठक कर इस विषय का समाधान निकाला जाएगा। बैठक में प्रशासन, मेट्रो प्राधिकरण और संबंधित विभागों को बुलाया जाएगा। कॉलेज प्रबंधन और शिक्षकगणों ने आशंका जताई कि यदि यह कार्य नहीं रोका गया, तो संस्थान की गरिमा, स्वायत्तता और छात्रों के हित को गंभीर क्षति पहुंचेगी।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख शिक्षक: प्रो. मृणाल शर्मा, प्रो. पूनम चांद, प्रो. जयश्री भारद्वाज, प्रो. संध्या यादव, प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रो. दीपक उपाध्याय, डॉ. गौरव कौशिक, प्रो. दिग्विजय पाल सिंह, प्रो. अमित चौधरी, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. उमाकांत चौबे, प्रो. शोभनाथ जैसल, प्रो. अमरनाथ, प्रो. सुधेन्द्रनाथ, डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह और एडवोकेट पंकज सक्सेना सहित कई अन्य शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कॉलेज प्रबंधन ने यह स्पष्ट किया है कि यदि प्राधिकरण की कार्रवाई पर शीघ्र रोक नहीं लगी, तो न्यायिक विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन और मेट्रो प्राधिकरण इस संवेदनशील शैक्षणिक विवाद का समाधान किस दिशा में ले जाते हैं।

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