सब्सक्राइब करें
शहर और राज्य अध्यात्म

Mainpuri News:सावन के प्रथम सोमवार को मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

by morning on | 2025-07-14 15:39:39

Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 123


Mainpuri News:सावन के प्रथम सोमवार को मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

फोटो परिचय- शिवालय में पूजा अर्चना करती महिला भक्त।



- प्राचीन भीमसेन मंदिर को बिजली की रोशनी और फूलों से सजाया

Morning City

मैनपुरीश्रावण मास के प्रथम सोमवार को जनपद के शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर के प्राचीन भीमसेन मंदिर को बिजली की रोशनी और फूलों से सजाया गया था, श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान भीमसेन का फूलों द्वारा भव्य श्रृंगार भी किया गया, इसके साथ ही शिवभक्तों ने घरों में भी व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। सोमवार के पहले सोमवार पर शहर के मंदिरों पर पूरी तैयारियां पहले ही कर ली गई थी, इसके साथ ही शिवभक्तों के द्वारा भी पूजा अर्चना की तैयारियां पहले ही पूर्ण कर ली गई थी।

ज्ञात हो कि श्रावण मास के प्रथम सोमवार के लिए जनपद भर के शिवालयों में विभिन्न धार्मिक आयोजनों की तैयारियां पहले ही पूर्ण कर ली गई थी,  शिव मंदिरों को बड़े ही आकर्षक ढंग से सजाया गया, रविवार को सुबह से ही शहर के प्राचीन भीमसेन मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाने का काम शुरु हो गया था, थर्माकोल और प्लाई से मंदिर को सजाने के लिए कारीगर देर रात जुटे रहे थें। वहीं रंग-बिरंगी लाइटें भी लगाई गई हैं। शहर के चांदेश्वर मंदिर को भी पहले सोमवार के लिए आकर्षक ढंग से सजाया गया, इन दोनों ही मंदिरों पर सोमवार को सुबह से ही शिव भक्तों की सर्वाधिक भीड़ देखने को मिली। इन दोनो मंदिरो पर श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं। जनपद के प्रमुख शिव मंदिरों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।

पांडवों ने की थी भगवान भीमसेन की पूजा
शहर के प्राचीन श्री भीमसेन मंदिर अपने आगोश में तमाम पौराणिक गाथाएं समेटे हुए है। कहा जाता है कि यहां अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने भगवान भीमसेन की पूजा की थी। महर्षि मार्कंडेय ने भी भगवान भीमसेन की साधना की थी। इन दिनों मंदिर में जहां भक्ति रसधारा बह रही है वहीं हजारों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए उमड़ रहे हैं। भगवान भीमसेन का वर्तमान मंदिर तो 12वीं शताब्दी में अपने स्वरूप में आया लेकिन भगवान भीमसेन का विग्रह पौराणिक काल का बताया जाता है। शहर के ईशान कोण में जहां मां शीतला देवी का मंदिर है वहीं आग्नेय कोण में भगवान भीमसेन विराजमान हैं। कहा जाता है कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के बीच इस पावन नगरी की रक्षा के लिए शिवा और शिव को विराजमान किया गया है।

संत गुलाब खां की मजार की भी होती है पूजा
बताया जाता है कि करीब 200 वर्ष पूर्व भीमसेन मंदिर में महाशिवरात्रि पर भंडारा चल रहा था। इसी दौरान मुस्लिम संत गुलाब खां आए और अपने कमंडल में खीर परोसने को कहा। खीर परोसने वाले कमंडल में खीर डालते रहे लेकिन कमंडल नहीं भरा। जब यह बात पुजारी नरोत्तमदास तक पहुंची तो वह स्वयं अपने कमंडल से खीर परोसने लगे लेकिन लोग यह देख कर दंग रह गए कि न तो गुलाब खां का कमंडल ही भर रहा है और न ही नरोत्तमदास जी के कमंडल से खीर की धार टूट रही है। कहा जाता है कि दोनों संत गले मिले और संत गुलाब खां भी भीमसेन मंदिर में ही रहने लगे। मंदिर परिसर में गुलाब खां की मजार आज भी बनी हुई है। श्रद्धालु मजार की भी पूजा अर्चना करते हैं।


खोज
ताज़ा समाचार
टॉप ट्रेंडिंग
सबसे लोकप्रिय

Leave a Comment