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Hathras News:कोरियर व्यवसाय की आड़ में बिना बिल के हो रहा व्यापार

by morning on | 2025-07-24 16:00:22

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Hathras News:कोरियर व्यवसाय की आड़ में  बिना बिल के हो रहा व्यापार

फोटो -कूरियर कार्टून 


जीएसटी चोरी में लिप्त कोरियर कंपनियों पर नजर, सरकार को हो रही राजस्व में बड़ी हानि

Morning City

हाथरस। जनपद में कोरियर कंपनियों की आड़ में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का मामला सामने आ रहा है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक आयुर्वेदिक व अंग्रेजी दवाइयां, हींग और हैंडिक्राफ़्ट आइटम बिना किसी वैध बिल अथवा जीएसटी चालान के कोरियर के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। इससे सरकार को हर माह लाखों रुपये की राजस्व हानि हो रही है।राजस्व विभाग की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि कुछ व्यापारी और निर्माता इन उत्पादों को छोटे पार्सलों के रूप में बिना ई-वे बिल के अन्य जिलों और राज्यों में भेज रहे हैं। कोरियर कंपनियां भी इन संदिग्ध पार्सलों को बिना वैधानिक जांच के स्वीकार कर रही हैं। सूत्र बताते है कि बिल के बिना भेजे जा रहे प्रमुख उत्पादों में आयुर्वेदिक व अंग्रेजी दवाइयां जो  स्थानीय निर्माण इकाइयों से बनकर बाहर जा रही हैं, लेकिन इन पर न तो एम आर पी  की सही जानकारी है और न ही टैक्स चालान।इसके साथ ही हींग जिसके लिए  हाथरस प्रसिद्ध है, लेकिन बड़े पैमाने पर यह बिना बिल के देशभर में हींग भेजी जा रही है।वही हैंडिक्राफ़्ट  उधोग के  स्थानीय हस्तशिल्प अपने उत्पाद  बाजार से सीधे ग्राहकों या दुकानों तक कोरियर से भेज  रहे हैं, वह भी बिना किसी टैक्स दस्तावेज के भेजे जा रहे है ।हाल ही में अन्य जनपदों में हुई छापेमारी में कोरियर पार्सलों से बड़ी मात्रा में बिना चालान के माल बरामद हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्य में कुछ कोरियर एजेंसियों की मिलीभगत भी सामने आई है, जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी चल रही है।यदि जीएसटी विभाग ने कोरियर कंपनियों से उनके पिछले छह माह के पार्सल रिकॉर्ड, बुकिंग एंट्री और सीसीटीवी फुटेज मांग लिए तो सारी हकीकत सामने आ जाएगी । जिन पार्सलों में बिल और जीएसटी नंबर नहीं पाया जाये , छापेमारी कर उन सभी की जांच की जाये ।जब इस संबंध में हमारे संवाददाता ने कर विशेषज्ञों से राय ली तो उनका कहना है कि बिना बिल के कोरियर भेजना जीएसटी अधिनियम का खुला उल्लंघन है। इससे सरकार को तो नुकसान होता ही है, ईमानदार करदाताओं का मनोबल भी गिरता है। यदि यह चलन न रोका गया, तो कर चोरी और अधिक बढ़ सकती है।

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