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Agra News: 2 लाख में नेवी-कोस्ट गार्ड परीक्षा पास कराने का सौदा, फर्जीवाड़ा गैंग का सरगना फिरोजाबाद का सॉल्वर जतिन पकड़ा

by morning on | 2025-09-22 16:48:49

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Agra News: 2 लाख में नेवी-कोस्ट गार्ड परीक्षा पास कराने का सौदा, फर्जीवाड़ा गैंग का सरगना फिरोजाबाद का सॉल्वर जतिन पकड़ा

आगरा कनेक्शन: 2 लाख में नेवी-कोस्ट गार्ड परीक्षा पास कराने का सौदा, फर्जीवाड़ा गैंग का सरगना फिरोजाबाद का सॉल्वर जतिन पकड़ा

Morning City

आगराकानपुर के महाराजपुर थानाक्षेत्र में रविवार को पकड़े गए फर्जीवाड़ा गिरोह का रहस्योद्घाटन बताते हुए पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस धांधली के जाल का प्रमुख नोड ताजनगरी आगरा से जुड़ा हुआ है; गिरोह का सरगना फिरोजाबाद निवासी जतिन था जिसने आगरा के नगला कली निवासी अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देकर दो लाख रुपये के सौदे को अंजाम देने की साजिश रची थी। रूमा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित नेवी-कोस्ट गार्ड की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान क्राइम ब्रांच और महाराजपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से खुलासा हुआ कि जतिन ने पहले से तय शर्तों के मुताबिक 50 हजार रुपये परीक्षा देने के बाद केंद्र के बाहर लेने और शेष 1.50 लाख रुपये परीक्षा पास होने पर प्राप्त करने की योजना बनाई थी। केंद्र व्यवस्थापक राजीव शुक्ला की तहरीर पर की गई त्वरित कार्यवाही में जतिन के साथ अभिषेक कुमार, प्रवेश पांडेय और खंदौली के सैमरा गांव निवासी कासिम को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ से पता चला कि जतिन ने आगरा के अभिषेक की सीट पर बैठकर परीक्षा दी और दोनों ने परीक्षा केंद्र में सीटों का अदला-बदली कर ली, जबकि प्रवेश और कासिम केंद्र के बाहर सहयोगी के रूप में मौजूद थे। पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को रविवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।

एसीपी चकेरी अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि सरगना जतिन कोई नया नाम नहीं है; वह पहले भी ग्वालियर और लखनऊ के कृष्णानगर थाने से जेल जा चुका है, फिर भी उसने प्रतियोगी परीक्षाओं में अनैतिक तरीके से लाभ कमाने की कोशिश जारी रखी। पूछताछ में जतिन ने स्वीकार किया कि यह कारोबारी सौदा दो लाख रुपये में तय हुआ था और इसे पूरा करने के लिए उसने स्थानीय एजैंट और सॉल्वर नेटवर्क का सहारा लिया। कासिम के बारे में आवश्यक जानकारी जुटाते हुए पुलिस ने बताया कि वह भी पेशेवर सॉल्वर है और दूसरी पाली में अभ्यर्थी प्रवेश पांडेय की जगह परीक्षा देने पहुंचा था, लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही उसे पकड़ लिया गया।

कासिम के पारिवारिक हालात से जुड़े तथ्य पूछताछ के दौरान उभरे वह तीन भाई और पांच बहनों वाला परिवार है और पिता दूध का व्यापार करते हैं। आर्थिक तंगी के बावजूद कासिम का ब्रांडेड कपड़ों, जूतों और घड़ियों का शौक था; पुलिस का मानना है कि इसी दिखावे और अतिरिक्त आय की लालसा ने उसे कोचिंग के साथ-साथ सॉल्वर बनने की ओर धकेला। स्थानीय स्तर पर वह गांव में कोचिंग भी चलाता था, जिससे उसके परिचितों और अभ्यर्थियों के साथ संपर्क सहज था। पुलिस के अनुसार यह गिरफ्तारी केवल एक मामले का पर्दाफाश नहीं है, बल्कि उन बड़े नेटवर्क्स की निशानदेही भी है जो खूबियों और सुविधाओं के लालच में युवा अभ्यर्थियों को नैतिक और कानूनी मार्ग छोड़कर ऐसे रास्तों पर धकेलते हैं। क्राइम ब्रांच अब आरोपियों से विस्तृत पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि गिरोह ने अब तक किन-किन परीक्षाओं में धांधली कराई, इसमें और कितने एजेंट शामिल रहे और आरोपियों के पास किसी तरह का रिकॉर्ड या डिजिटल प्रमाण मौजूद हैं या नहीं।

कानून प्रवर्तन यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि परीक्षा-केंद्रों की सुरक्षा के मानक और पहचान प्रक्रिया में खामियों का तुरंत निदान किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृति रोकी जा सके। केंद्र व्यवस्थापक की सतर्कता और पुलिस के त्वरित कदमों से यह मामला खुलने में मदद मिली है, पर अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के वित्तीय लेन-देन और संपर्कों के तार और भी फैल सकते हैं, इसलिए जांच जारी रहेगी और जो भी संगठित कड़ी मिलेगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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