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Hathras Newsगरीबों का अनाज डकार रहे चावल माफिया, जिम्मेदार बने तमाशबीन

by morning on | 2025-09-26 16:45:54

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Hathras Newsगरीबों का अनाज डकार रहे चावल माफिया, जिम्मेदार बने तमाशबीन

फोटो -कालाबाजारी को रखा सरकारी चावल


सरकारी चावल की कालाबाजारी पर प्रशासन मौन, आखिर क्यों?

Morning City

हाथरसजिले में सरकारी राशन का चावल खुलेआम काले बाजार में बेचा जा रहा है। गाँव-गाँव जाकर माफियाओं के गुर्गे गरीबों से 18-20 किलो में चावल खरीदते हैं और फिर मंडियों, आटा चक्कियों और आढ़तियों के अड्डों पर पहुँचाते हैं। यहीं से यह चावल ऊँचे दामों पर बाहर के प्रदेशों में बेचा जाता है। खेल इतना बड़ा है कि इसमें राशन डीलर, ग्राम प्रधान, मंडी आढ़तिया और चक्की संचालक तक की मिलीभगत सामने आ रही है।कुछ दिन पहले ही कोतवाली क्षेत्र में दिल्ली ले जाए जा रहे कालाबाजारी के 400 बोरी चावल से भरे ट्रक को पकड़ा गया था, जिसकी कीमत करीब 5 से 6 लाख रुपये आंकी गई। पुलिस ने ट्रक जब्त कर चालक को पकड़ा, लेकिन पूर्ति विभाग ने आरोपियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।मंडी आढ़तियों द्वारा चावल 26 किलो की दर से खरीदा जा रहा है और यह सारा माल प्रदेश की सीमाओं से बाहर भेजा जा रहा है। वहीं स्थानीय एजेंट मोपेड से गांव-गांव जाकर गरीबों से लालच देकर चावल उठाते हैं और फिर अवैध गोदामों में पहुंचाते हैं। खाती खाना, तहरा गांव, मुरसान फाटक और सासनी समेत कई जगहों पर इसका स्टॉक खुलेआम खपाया जा रहा है।प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद जिले में चावल माफिया बेलगाम हैं और जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्ण की नींद सो रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि गरीबों का हक लूटने वाले इन माफियाओं और उनके संरक्षकों पर कब गिरेगी कार्रवाई की गाज?सूत्रों से  जानकारी के अनुसार खाती खाना स्थित आटा चक्की, तहरा गांव, मुरसान फाटक, सासनी आदि जगहों पर खुलेआम चावल का अवैध स्टॉक जमा किया जा रहा है।गांव-गांव से गरीबों का चावल औने-पौने दाम पर खरीदकर यहां डंप किया जाता है और फिर मुनाफाखोर मंडी व बाहर प्रदेशों में मोटे दामों पर बेचते हैं। हैरत की बात यह है कि इतनी खुली कालाबाजारी के बावजूद जिम्मेदार विभागीय अधिकारी आँख मूंदे बैठे हैं।

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